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पूज्य महावतार बाबाजी (वीगन): अमर संत का शाश्वत प्रेम, 2 का भाग 1

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"हालाँकि आपने मुझसे नज़रें गड़ा दीं, फिर भी मैंने आपसे कभी नज़रें नहीं हटाईं... मैं अँधेरे, आपफ़ान, उथल-पुथल, और उजाले में आपके पीछे-पीछे चलता रहा, मानो जैसे चिड़िया अपने बच्चे की रखवाली करती है।” ~ महावतार बाबाजी बाबाजी (वीगन)
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