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दोगेन (शाकाहारी) की ज़ेन कविता से कुछ अंश- अनंत शांति के पर्वत से कविताएँ: भाग २, अध्याय ३

विवरण
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"पर्वतों के रंग, घाटियों में नदियाँ; सबमें एक, एक सबमें, आवाज़ और शरीर हमारे शाक्यमुनि बुद्धा के।"