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धम्मपदा से चयन; सत्य का मार्ग- अध्याय १ से ४, दो भाग का भाग १

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“प्रबुद्ध, जो लगातार  झाना में लीन रहते हैं, अपने प्रयास में स्थिर, दृढ़ रहता है:  वे केंद्र के आलावा बंधनहीनता, दासहीनता को छू लेते हैं।”
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ज्ञान की बातें
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